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ऐ जिंदगी बोल....... फिर मै क्या करू......🙏🏻

       In the loving memory of my friend              Mrs. sudha Mishra🙏🏻🙏🏻 ********************************************* ऐ जिंदगी जब सब तेरे मुताबिक है तो जरा बोल , फिर मै क्या करू कब किससे मिला दे तू, कब किससे जुदा कर दे जब अगले पल की खबर नहीं तो बोल मै क्या करु बस नाच रहे हैं कठपुतली बनकर दुनिया की भीड़ में कब कौन से दिन दिखा दे तो बोल फिर मै क्या करू ये सब कर्मो के फैसले हैं या हम सब भाग्य से जुड़े हैं ना जाने कब किसकी हस्ती मिटा दे तो बोल मै क्या करू कभी दिल खोल के मेहरबान हो जाती हैं मुझ पर तू कभी एक पल में बर्बाद कर दे तो फिर मै क्या करू जी रही हूँ यह सोच कर सब तेरी कृपा है कभी सर से तू हाथ हटा दे तो मै क्या करू नहीं पता मुझे अगले पल का, ना तेरे फैसलों का लेकिन जब जिंदगी जी ना जाय तो मै क्या करू ऐ जिंदगी, मुझे हर पल बस तू एक खेल सी लगती है ना जाने कब किसका आशियाना मिटा दे तो मै क्या करु ये जिंदगी एक मिट्टी की इमारत है, नहीं मेरे सपनों की इबादत है किसी पल ढह के अगर चूर चूर हो जाय तो बोल फिर मै क्या करु ऐ खुदा थोड़ा रहम करना अपने बन्दो की पर

सिला वफ़ा का........

************************************** धरती और अम्बर भी साथ निभाते हैं ना मिलकर भी वफ़ा का गीत गाते हैं वनवास राम का था, साथ सीता ने निभाया साथ पिया का फिर तो सब कुछ रास आया कृष्ण साथ ना फिर भी समर्पण  राधा का काम आया साथ ना थे वो पर हर जुबां पर राधेकृष्ण ही नाम आया घनघोर तप गौरा का, शिव शंकर को पाया था ना जाने कितने दिन भूख प्यास से बिताया था लक्ष्मी का तेज कभी भी किसी दिशा में कम नहीं होता फिर भी उन्हें पति के चरणों में ही जन्नत का सुख होता जिसकी मिलने की खुशी सबको है सताती माँ लक्ष्मी परम पिता के चरणों में सुख पाती तप किसी का भी यहां निरर्थक नहीं जाता क्यों ना हो, रिश्ता रुह से है जब जुड़ जाता ये कैसी माया है प्रभु की, सबने वफ़ा को ही चाहा है मिली बस उसको ही,  जिसने शिद्दत से निभाया है *********************************************

जीवन क़र्जदार है माता पिता का......

****************************************** कितनी हसरत से पालते हैं माँ बाप बच्चे को जैसे जीवन की हर आरज़ू मुकम्मल हो गई हो एक औलाद क्या हुई, हासिल ए जन्नत हो जाती हैं उन्हें जैसे उनकी ख्वाहिशो को फिर से मुकद्दर मिल गया हो एक उम्र तक अपनी हर हसरत पूरी होने की आरज़ू होती थी आज जैसे जिंदगी को दुबारा शुरू करने की इजाज़त मिली हो कल तक जो नासमझ थे जिंदगी के पैमाने पे माँ बाप क्या बने जैसे समझदारी ही आ गई पड़ाव कोई भी हो उम्र का, बच्चे का गिरना हर वक्त सताता है बच्चे को सही मार्ग पर चलता देखकर ही उन्हें सुकून आता है माँ को तो अपने बच्चे में जैसे कोई कमी नज़र ही नहीं आती एक बड़ा काम क्या किया, पिता की छाती फूली नहीं समाती ये माँ बाप है ज़नाब जिंदगी हमारी क़र्जदार हैं इनकी चुकाना तो दूर रहा,एहसास हो जाय इतना ही बहुत है *******************************************

माँ .....Happy mothers day.....माँ की ममता पर कविता

***************************************** मुझे कुछ ना चाहिए , हां  मेरी माँ मेरे पास है तुझसे जुड़े हर पल मेरे लिए आज भी खास है वो मीठी झप्पी वो सुहानी लोरियां आज भी कितनी खास हैं कितने खुशनसीब हैं वो लोग जिनकी माँ हर वक्त उनके पास हैं मेरी ख्वाहिशो पूरी हो, अपनी तिजोरी खाली कर देती है ज़नाब आज भी मेरी झोली माँ खुशियों से भर देती है लाखो जिम्मेदारियां पर मै बच्ची  बन जाती हूँ माँ आज भी जब मै तुझे अपने साथ पाती हूं तेरे साथ बीते पल, तुझसे अलग होकर तड़पाते हैं मुझे तू हर वक्त साथ है, इस बात का एहसास दिलाते हैं मुझे माँ,  मुझसे कभी कुछ ना बोला तूने फिर भी मेरे एहसासों को टटोला तूने वक्त से पहले मेरी ज़रूरतें पूरी हुई हैं जब जिस घडी़ माँ तू मेरे साथ हुई हैं कितना खास है ये रिश्ता अब समझ में आया है जब अपनी गोद में मैने अपना बच्चा खिलाया है बिन मांगे आज भी मेरी हर मुराद पूरी होती हैं मुकम्मल क्यों ना हो,फरियाद जो तेरी होती हैं मुझे कुछ ना चाहिए , हां  मेरी माँ मेरे पास है तुझसे जुड़े हर पल मेरे लिए आज भी खास है ******************************************

जिंदगी बस एक ख्वाब सी........

*********************************************  ये जिंदगी एक ख्वाब सी लगती है कभी सच्ची कभी कच्ची सी लगती है कभी इस ख्वाब पे यकीन करने को जी चाहता है कहीं सपने बिखर ना जाय,दिल घबरा सा जाता है कुछ पल कभी कभी बड़े मीठे से लगते है कुछ थोडे नमकीन फिर भी सच्चे से लगते है कुछ पलो ने हमे यहाँ कितना रुलाया है हमने भी तो दिल को हर बार समझाया है कभी यहाँ कोई अपना सा लगेगा कभी कोई अपना बनकर छलेगा दस्तूर है जिंदगी का, बस चलते जाना है हर पल में हमे यहाँ बस सभंलते जाना है उदास हो मन जब, खुद को समझा लेना जिंदगी को फिर खुले दिल से अपना लेना जिंदगी की गाड़ी बस  यूंही चलती जायेगी दिन बीतते जायेंगे,राते गुजरती चली जायेंगी जिंदगी बस एक ख्वाब सी, जिंदगी बस एक ख्वाब सी कभी आँखो में समा जाय,कभी आँखो को भिगा जाय ***************************************

गुजारिश है तुझसे खुदा......

कर लो फैसला पहले खुद को बदलने का.....

******************************************* ए खुदा मुझे थोडी हिम्मत और बख्श दे आज फैसला खुद को बदलने का किया है इतना आसान नहीं हैं खुद को बदलना मगर ये वादा तो मैने ही खुद से किया है माना कि मुश्किल है पर चलो शुरुआत तो करते हैं आगाज़ ए सफर में अंजाम इतना भी मुश्किल नहीं बिखर भी गये तो पहले से बेहतर ही होगा अब शुरुआत कर दी है, कुछ तो हासिल होगा मुझे किसी को जबाब तो देना नही, ना ही इजाज़त मांगनी हैं ए खुदा थोडी मोहलत दे दे, इस बार मरजी खुद पर चलानी हैं कमी दूसरों में निकालना, फिर खुद बिखर जाना इससे तो शायद बेहतर ही है खुद में सभंल जाना जाया हुआ इतना वक्त और कुछ हाथ ना आया दूसरों को बदलने का फैसला मुझे रास ना आया खुशी हमारी है और हमें बदलना भी दूसरों को है नहीं ज़नाब,वक्त शायद अब ठीक से सोचने को है अपनी कोशिश को कामयाब करना है इस बार फैसला मुझे खुद पे करना है ********************************************

ये दिल कुछ कहना चाहता है....…

****************************************** खुदा ने नवाज़ा मुझे हर बरकत से उसे कुछ तो गुमान होगा मुझ पर कुछ गम की छीटे अगर डाल भी दी उसने उसका इतना तो हक बनता है ना मुझ पर ए खुदा, मै खुद पर नाज़ करू या तेरी वफाई पे लेकिन ये दिल, अब तो कुछ कहना चाहता है जिंदगी को शिद्दत से निभाने की एक कोशिश की तूने तो सारी खुशियाँ जैसे मेरी झोली में ही डाल दी कुछ गम ना आते अगर मेरे हिस्से में ए खुदा, तो दुनिया तुझे बेईमान कहती तेरे तराजू की तौल पे मुझे भी गुमान है खा़मखा़  मै इतना परेशान हो जाती हूँ माफ करना इन आँखों में जब भी आंसू आए नादान हूँ मै लेकिन मैने तुझसे वफा निभाई है एक छोटी सी इल्तिजा है मेरी तुझसे मेरी क़श्ती को बस यूंही पार लगा देना ******************************************

चाह खुद में तो पैदा कर......

******************************************** अँधेरे रास्तों में भी कभी कभी मंजिल मिल जाती हैं शिद्दत अगर पाने की हो तो हर चीज मिल जाती हैं चाह अगर जिंदगी जीने की हो तो दोस्तों कभी मौत क़रीब आकर भी लौट जाती हैं बस एक छोटा सा वादा खुद से भी करना होता हैं जो कभी ना मिटे उस चाह को जिन्दा रखना होता है थक जाती हैं मुश्किलें तुझे मुस्कुराता देखकर ये वो बन्दा ही नहीं जो बिखर जाय,ये सोचकर पर जुनून वो नहीं जो हम दुनिया को दिखाते हैं हम तो जीने की मसाल अपने सीने में जलाते हैं खुश तुझे रहना हैं और मुस्कुराना भी तुझे ही हैं जब सब कुछ हैं तेरे अन्दर तो ढूंढता क्यों कहीं हैं  ऊँचे मुक़ाम पर लोग भला यूंही नहीं पहुंच जाते जरा पुछो, हर खुशी की कीमत वो खुद हैं चुकाते जब मंजिल पास आती हैं तब दुनिया साथ आती हैं इससे पहले की दूरी तो यार अकेले ही चली जाती हैं *****************************************

jindagi kuchh kehti hai......