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Showing posts from March, 2019

वो बचपन की होली........

******************************************* अरे छोड़ो भी ये झगड़े और ये लडा़ई देखो एक बार होली फिर से लौट आई मेरे दिल के बहुत क़रीब से गुजरती हैं ये होली प्रेम एकता और सौहार्द का प्रतीक हैं ये होली बचपन की होली आज भी याद आती हैं ऐसी मौज मस्ती भी कही भूल पाती हैं रंगो में ऐसे सराबोर हो जाते थे हम सच कहे खुद को ही भूल जाते थे हम राह चलते हर एक को रंग लगाते थे रंगो से हम भी कहाँ बचना चाहते थे पापा मम्मी की डाट का कोई असर ही नही होता था क्या करे, रंगो को खेलने का एक ही मौका होता था होली आते ही दिल आज भी बच्चा बन जाता हैं रंग अबीर गुलाल मुझको आज भी इतना भाता हैं चलो एक बार फिर से रंगो से रंग मिलाये होली ही सही, हम सब एक रंग हो जाय वो बचपन की होली वो रंगो की टोली वो हँसी ठिठोली,मुझे बहुत याद आती हैं ***************************************

औलाद

मेरे बेटे के जन्मदिन के अवसर पर ये चंद  पंक्तियाँ  सिर्फ उसके नाम ********************************** मेरी जिंदगी का   नाज़ हो  तुम खुद पर किया हुआ अभिमान हो तुम पाया जो तुम्हे कुछ बचा ही नही पाने को हर मुराद हो गई पूरी जब तू हुआ आने को जिन्दगी में कोई कमी अब टिकती ही नहीं बिन तेरे तो अब मेरी सांसें चलती ही नहीं रिश्ता माँ का औलाद से कुछ यूँ जुड़ा होता है जख्म किसी का भी हो, दर्द दोनों को होता हैं इस अनमोल रिश्ते का तो कोई मोल ही नहीं हैं क्या मांगू मेरे बेटे, तेरा तो कोई जोड़ ही नहीं हैं तेरी सलामती के मेरे लिए मायने बहुत हैं बात तेरी खुशी की हो ऐ खुदा,बहाने बहुत हैं लफ्जों में अपनी चाहत को बयां नहीं करना चाहती तारीफ़ तेरे हुनर की मै सरेआम नहीं करना चाहती बहाना तेरा और खुदा ने बरपा मुझे खुदाई से बस अब तो डर लगता है  तेरी जुदाई से रवानगी मेरे जीवन की तेरे कन्धो से होकर गुजरेगी होना न उदास, ये अन्तिम सांसें तुझको ही पुकारेगी **************************************

.......उम्मीद-ऐ-ज़िन्दगी...........

*********************** ऐ-उम्मीद ,हर पल बस तू साथ थी और मै ज़िन्दगी जीता चला गया ऐसा नहीं कि टूटा नहीं किसी पल पर जब भी टूटा तूने कुछ तो दिया हल कभी बंद कमरों में बिखरा, कभी महफ़िलें सरेआम हुई पर गुफ्तगू मेरी तेरे संग, हर एक मौके के बाद हुई बड़े से बड़ा दर्द तूने फीका कर दिया बेशुमार उलझनों को तूने छोटा कर दिया कभी गिरा कभी संभला, हर वक़्त देखा है जिंदगी में पर जगाई तूने ऐसी आस ,जैसे हर दर्द को देदी मात कभी साथ न छोड़ना तेरी हिफाज़त महफूज़ लगती है दौर कैसा भी क्यों न हो ,तेरी जरूरत हर रोज़ लगती है तेरे सहारे जीवन की नैया पार होने को आयी क्यों कि हर मुश्किल के बाद मुझे तू नज़र आयी उम्मीद के दामन में खुदा का सहारा नज़र आता है मुश्किलें कैसी भी हो कोई न कोई साथ नज़र आता है ***********************************

शत शत नमन वीर जवानो

****************************************** किसी का भाई ,किसी का पिता किसी का पति आज दूर हैं उनसे आज हमारे घर का सुकुन हैं उनसे आज भी रातो को हम चैन से सो पाते हैं कीमत उसकी देश के जवान चुकाते हैं आस माँ की ,बेटा एक दिन लौट आयेगा घर का आँगन  बस उस दिन ही महक जायेगा आखिरी सांसों को अब तेरा सहारा चाहिए तेरे सिवा मुझे जीवन में अब कुछ न चाहिए सांसें बहन की जैसे कही अटकी सी हुई हैं कोई कह दे कि बात भाई के आने की हुई हैं बेटे को कोई खिलौना अब चाहिए ही नही हैं पापा लौट आओ, तुमसे ही जिदंगी जुडी़ हुई हैं श्रंगार तो अब बस उस दिन ही होगा जिस दिन मेरा पति फिर मेरे संग होगा बांधे घर की हिम्मत पिता कही कोने में बैठा हैं कोई पुछो उससे अन्दर ही अन्दर वो कितना टूटा हैं मुराद आखिरी मेरे जीवन की तुझको ही पूरी करनी हैं रवानगी इस जीवन की तेरे कंधो से ही तो गुजरनी हैं शत शत नमन हैं उन जवानो को जिनका घर आज सूना हैं उनकी हिम्मत की वजह से ही तो हमारा उत्साह दूना हैं *********************************************