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Showing posts from January, 2019

सबक़-ए-ज़िन्दगी

******************************** ये जिंदगी है ज़नाब इसे मजबूरियाँ न बनाइए जो मिला है यहां उसे शिद्दत से निभाइए कुछ नए की चाह में कुछ टूट न जाये कहीं मिली हुई चीज़ भी छूट न जाये सवालों की इतनी लड़ियाँ क्यों खड़ा करता है तू चलता चल इस जिंदगी को,क्यूँ उलझता है तू किस बात की उल्फत पाल रखी है तेरी खुशियां तेरी मुट्ठी में ही तो रखी है जो तेरा है वो तो तेरा ही रहेगा फिर दीपक तले अंधेरा ही रहेगा मत इतना उलझ कि तू ही टूट जाये जीने का क्या मजा जब सफर ही छूट जाये वक़्त का क्या भरोसा कब कौन साथ छोड़ दे फिर बीता हुआ वक़्त हमको सिर्फ अफ़सोस दे सही गलत का फ़र्क समझ, खुशियाँ तू वसूल कर ये जिंदगी है एक तोहफा इसे क़ुबूल कर ********************************

आ गया नया साल

****************************** देखो आ गया नया साल लेकर नयी उमंगें नए हाल क्या होना है  कुछ पता नहीं फिर भी बेताबियों की कमी नहीं चलो मिलकर लेते हैं ये फैसला न होने देंगे कम किसी का हौसला हर सुबह को इतना महकायेंगे हम दिलों में दीपक कुछ यूँ जलाएंगे हम इस साल को कुछ ऐसे अपनाना है हर मोड़ पर कुछ कर दिखाना है फिर इस बार नया कैलेंडर आएगा हमको हमारा भविष्य बताएगा पर नहीं, कुछ तो नया करना है अपने इरादों से नहीं मुकरना है वो साल अब दूर नहीं बुलंदी इस बार क्यों नहीं वैसे तो सब कुछ है ईश्वर की मर्ज़ी पर क्यों न  लगाएं कर्मों की अर्ज़ी बीते सालों का अफ़सोस न होगा इस बार फैसला कुछ और ही होगा *********************************