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ए खुदा मुझे थोडी हिम्मत और बख्श दे
आज फैसला खुद को बदलने का किया है
इतना आसान नहीं हैं खुद को बदलना
मगर ये वादा तो मैने ही खुद से किया है
माना कि मुश्किल है पर चलो शुरुआत तो करते हैं
आगाज़ ए सफर में अंजाम इतना भी मुश्किल नहीं
बिखर भी गये तो पहले से बेहतर ही होगा
अब शुरुआत कर दी है, कुछ तो हासिल होगा
मुझे किसी को जबाब तो देना नही, ना ही इजाज़त मांगनी हैं
ए खुदा थोडी मोहलत दे दे, इस बार मरजी खुद पर चलानी हैं
कमी दूसरों में निकालना, फिर खुद बिखर जाना
इससे तो शायद बेहतर ही है खुद में सभंल जाना
जाया हुआ इतना वक्त और कुछ हाथ ना आया
दूसरों को बदलने का फैसला मुझे रास ना आया
खुशी हमारी है और हमें बदलना भी दूसरों को है
नहीं ज़नाब,वक्त शायद अब ठीक से सोचने को है
अपनी कोशिश को कामयाब करना है
इस बार फैसला मुझे खुद पे करना है
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👍👌
ReplyDeleteVry beautiful lines
ReplyDeletevery nice....
ReplyDeleteGreat lines..
ReplyDeleteKya koi insan itne ghari se bhi soch sakta hai, yakin nahi hota, par aap ki kavita ki line's ko padh kar ab yakeen hone laga, very beautiful lines.
ReplyDeleteWah.... Kya bat h
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteKash sab aisa soch pate...nice
ReplyDeleteReally khud ko badalna aasan Ni h...pr starting krna hi achhi chij h..aapko lines effective h..gd job
ReplyDeleteबिखर भी गये तो पहले से बेहतर ही होगा
ReplyDeleteअब शुरुआत कर दी है, कुछ तो हासिल होगा
very true
खुशी हमारी है और हमें बदलना भी दूसरों को है
ReplyDeleteनहीं ज़नाब,वक्त शायद अब ठीक से सोचने को है
sach kaha h apne ..first of all we should change ourself
कमी दूसरों में निकालना, फिर खुद बिखर जाना
ReplyDeleteइससे तो शायद बेहतर ही है खुद में सभंल जाना
true