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Showing posts from April, 2019

ये दिल कुछ कहना चाहता है....…

****************************************** खुदा ने नवाज़ा मुझे हर बरकत से उसे कुछ तो गुमान होगा मुझ पर कुछ गम की छीटे अगर डाल भी दी उसने उसका इतना तो हक बनता है ना मुझ पर ए खुदा, मै खुद पर नाज़ करू या तेरी वफाई पे लेकिन ये दिल, अब तो कुछ कहना चाहता है जिंदगी को शिद्दत से निभाने की एक कोशिश की तूने तो सारी खुशियाँ जैसे मेरी झोली में ही डाल दी कुछ गम ना आते अगर मेरे हिस्से में ए खुदा, तो दुनिया तुझे बेईमान कहती तेरे तराजू की तौल पे मुझे भी गुमान है खा़मखा़  मै इतना परेशान हो जाती हूँ माफ करना इन आँखों में जब भी आंसू आए नादान हूँ मै लेकिन मैने तुझसे वफा निभाई है एक छोटी सी इल्तिजा है मेरी तुझसे मेरी क़श्ती को बस यूंही पार लगा देना ******************************************

चाह खुद में तो पैदा कर......

******************************************** अँधेरे रास्तों में भी कभी कभी मंजिल मिल जाती हैं शिद्दत अगर पाने की हो तो हर चीज मिल जाती हैं चाह अगर जिंदगी जीने की हो तो दोस्तों कभी मौत क़रीब आकर भी लौट जाती हैं बस एक छोटा सा वादा खुद से भी करना होता हैं जो कभी ना मिटे उस चाह को जिन्दा रखना होता है थक जाती हैं मुश्किलें तुझे मुस्कुराता देखकर ये वो बन्दा ही नहीं जो बिखर जाय,ये सोचकर पर जुनून वो नहीं जो हम दुनिया को दिखाते हैं हम तो जीने की मसाल अपने सीने में जलाते हैं खुश तुझे रहना हैं और मुस्कुराना भी तुझे ही हैं जब सब कुछ हैं तेरे अन्दर तो ढूंढता क्यों कहीं हैं  ऊँचे मुक़ाम पर लोग भला यूंही नहीं पहुंच जाते जरा पुछो, हर खुशी की कीमत वो खुद हैं चुकाते जब मंजिल पास आती हैं तब दुनिया साथ आती हैं इससे पहले की दूरी तो यार अकेले ही चली जाती हैं *****************************************

jindagi kuchh kehti hai......

अनमोल हैं ये रिश्ता भाई बहन का......

**************************************** हाँ आज भी वो सब कुछ याद हैं मुझे , हाँ आज भी बस वक्त बीता हैं, जैसे कुछ आँखो तले बीता  ही नहीं भाई की डाट और मेरा लड़ जाना बात कुछ भी हो पर मेरा जीत जाना वो शरारतें और वो शैतानियां वो मेरी जिद और तेरी नादानियां वक्त शायद तब भी कम पड़ता था पर बातों की शायद कमी नहीं थी भाई बहन थे या दोस्त थे हम, समझ ही नहीं आया एक दूजे की बात बिन कहे समझना, बस यही थे हम दिन में एक बार तो खैर जम कर बात होनी थी और ना  हुई तो इस बात पर ही लडा़ई होनी थी ना मोबाईल पास थे ना म्यूजिक सिस्टम साथ थे काम खत्म क्या हुआ और बस हम फिर साथ थे तेरी समझदारी और दुनिया को मैने समझना नहीं चाहा भाई,  दिन हो या रात  हर मोड़ पर बस मैने तुझे पाया तेरी हर बात पर मुझे भरोसा था तेरे ज़रिये मैने दुनिया को जीता था उम्र का एक पड़ाव मेरा तेरे संग बीता हैं जिदंगी जीनी कैसे हैं, मैने तुझसे सीखा हैं माना कि मुलाक़ाते आज-कल कभी कभी होती हैं पर जब भी मिलते हैं एक अजीब सी खुशी होती हैं तू फिकरमंद था कल मेरा और निहायत आज भी हैं इस बात पे गुमान मुझे कल भी था और आज

बेहिसाब हसरतों का समंदर हैं जिंदगी.............

*************************************** बेहिसाब हसरतों का समंदर हैं जिंदगी हर मोड़ पर यहाँ संभलना खुद को ही हैं चाहो तो बहते रहो,  नदियों में पानी की धार सा एक वक्त पे आकर समंदर सा ठहरना खुद को ही हैं फिर क्यों करते हो इंतजार , जश्न ए बरबादी का यहाँ वक्त से पहले वक्त की नज़ाकत समझना खुद को ही हैं कितनी हसरतों को अंजाम दोगे यहाँ, मन तो उड़ता पक्षी हैं इस बेहिसाब आसमान में अपने पंखों को समेटना खुद को हैं कौन आयेगा तुम्हे संभालने यहाँ, ये घरौदां हैं मन का चाहो तो बिखर जाओ, यहाँ गिरकर उठना खुद को ही हैं माना कि भाई, सोच के दायरे आसमान छूते हैं पर सही गलत का फर्क समझना खुद को ही हैं ढह जाती हैं हर ईमारत यहाँ पर ,वक्त बे वक्त साहब थमती सांसों से पहले अपने वजूद को पाना खुद को ही हैं  ज़नाब यहाँ इज्जत बेआबरू होने में देर नहीं लगती एहतियातन जिदंगी को शिद्दत से निभाना खुद को ही हैं ****************************************

मुझे आज भी रातो को नींद अच्छी आती हैं🙏🏻.............

************************************ नही पता कितना सही या गलत हूँ मैं पर आज भी मुझे नींद अच्छी आती हैं सूरत को सँवारा कि नहीं,ये चेहरा लोगों को भाया कि नहीं पर सीरत में मेरी कोई दाग लगे, ये खुद को गँवारा ही नहीं माना कि मंजिलें आज भी बुलाती हैं मेरे हुनर को पर जो पल अपनों के साथ बीते,मै उन्हें खोना नहीं चाहती नहीं पता मुझे क्या ओहदा हैं तेरा,  मुझे डर नहीं लगता पर राह जब मुड़ती हैं सही रास्ते से,मै खुदा से डर जाती हूँ छोटे छोटे पलो में खुश हो जाना,  शामिल हैं मेरी फ़ितरत में एक ही बार तो मिली हैं ये जिंदगी, मै अकेला होना नहीं चाहती एक एक पल में संजोया हैं जिदंगी को मैने साहब चंद अफवाहों में बहकर, मै दुखी होना नहीं चाहती कल पछताना पडे मुझे खुद के निर्णय पर  आज मै इतनी मगरूर होना नहीं  चाहती दौर कुछ ऐसा हैं आजकल कि शोहरत बुलाती हैं सभी को पर मै अपना ईमान इस कदर,  सरेआम बेचना नहीं चाहती मगरूर हैं दुनिया, दर्द दूजे के बाटने को तैयार ही नहीं फिर तो मै अपनी खुशियाँ लोगों को देना नहीं चाहती ऊँचे मुकाम का सौख तो रखती हूँ मैं पर बस मै राह से भटकना नहीं चाहती

जिदंगी अफसोस का नाम तो नहीं

**************************************** बीते  हुये लम्हों का दुख ना मनाओ जिदंगी हैं एक मौका,इसे आजमाओ जो लम्हा दुख बनकर बीता, उस पर कैसा दुख मनाना जिदंगी का तो नाम ही हैं भाई  हर हाल में मुस्कुराना माना कि यहां हर इंसान अकेला हैं फिर भी जीवन तो लोगों का मेला हैं तुम्हारे हक की दुआए कोई छीन नहीं सकता अरे पगले, तू कुछ बातों को भूल नहीं सकता ना मौका दो यहां किसी को तुम पर हँसने का अब सीख लो हुनर गिर कर खुद सँभलने का सुना हैं जिदंगी में खुशियाँ भी बरकत लेकर आती हैं बातें अफसोस की ज्यादा लोगों को कहाँ रास आती हैं जब तक जीवन हैं तब तक आस हैं सुख और दुख तो खुदा की सौगात हैं चलो एक बार फिर से संवर जाओ जिदंगी को थोडा हंसकर गले लगाओ *****************************************

किरदार जिदंगी के ..........

**************************************** किरदार ए जिदंगी       मजबूरियाँ बेहिसाब जुनून ए बयां       कितना हैं मुश्किल खुली थी किताब          नज़ारे बेहिसाब पन्ने जो बन्द हुए          भीड़ लाजबाब यात्राये इतनी         मसरूफ़ हैं दुनिया जीवन के असफार का          तो यहां पता ही नहीं ये सजना ये सँवरना        यूँ बन ढन निकलना ज़मीर ए फितरत         को जैसे धुला ही नहीं परदा ए खामोशी         मुस्कुराहट गालो तक पर उस खुदा से         जैसे कुछ छुपा ही नहीं समेटा सबकुछ        बिखरे हम खुद सॉसे  थी अन्तिम        पर जैसे कुछ मिला ही नहीं *********************************************

नसीहत. ........

********************************** कहीं दूर बैठा वो सब कुछ देखता हैं निगाहो से उसकी नहीं कुछ छिपता हैं कर लो शरारतें यहाँ पर गुनाह मत करना किसी दूजे के हक की फ़रियाद मत करना चाह ले खुदा तो मंजिल दूर नही लगती राजा से रंक बनने में भी देर नही लगती इंसाफ के तराजू में खुद को तौल कर देखना कभी अपनी हस्ती को भी टटोल कर देखना वज़न अपने किरदार में कुछ इस तरह लाओ  साँसें बंद हो जाय तुम्हारी,दिलों में तुम रह जाओ प्यार मोहब्बत हमदर्दी जब खुले दिल से बरसाओगे अपने अन्दर कभी ना मिटने वाली ताकत पाओगे कट जाएगा हर वक्त, तुझे हिम्मत भी मिलेगी तेरी अच्छाईयो की यहाँ तुझे कीमत भी मिलेगी कभी किसी चीज़ पर सवाल ना होगा बुरे वक्त में भी कोई मलाल ना होगा *********************************