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अँधेरे रास्तों में भी कभी कभी मंजिल मिल जाती हैं
शिद्दत अगर पाने की हो तो हर चीज मिल जाती हैं
चाह अगर जिंदगी जीने की हो तो दोस्तों
कभी मौत क़रीब आकर भी लौट जाती हैं
बस एक छोटा सा वादा खुद से भी करना होता हैं
जो कभी ना मिटे उस चाह को जिन्दा रखना होता है
थक जाती हैं मुश्किलें तुझे मुस्कुराता देखकर
ये वो बन्दा ही नहीं जो बिखर जाय,ये सोचकर
पर जुनून वो नहीं जो हम दुनिया को दिखाते हैं
हम तो जीने की मसाल अपने सीने में जलाते हैं
खुश तुझे रहना हैं और मुस्कुराना भी तुझे ही हैं
जब सब कुछ हैं तेरे अन्दर तो ढूंढता क्यों कहीं हैं
ऊँचे मुक़ाम पर लोग भला यूंही नहीं पहुंच जाते
जरा पुछो, हर खुशी की कीमत वो खुद हैं चुकाते
जब मंजिल पास आती हैं तब दुनिया साथ आती हैं
इससे पहले की दूरी तो यार अकेले ही चली जाती हैं
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Very true
ReplyDelete👌👍
ReplyDeleteYeh true soul ki aavaj hai Dr Anshubhi Bahadur
ReplyDeleteBahut khoob
ReplyDeleteVery true...
ReplyDeleteright said....
ReplyDeleteSpeechless poem
ReplyDeleteमैडम मैं आपके इतना तो पढ़ा लिखा तो नही पर ये कविता पढ़ कर हिम्मत मिलती हैं 100 बार पढी मैने
ReplyDeleteअतिसुन्दर बेमिशाल
ReplyDeleteKya baat h....highly motivational
ReplyDeleteReally so nice
ReplyDeleteReally so nice
ReplyDeleteVery nice poem
ReplyDeleteGajab
ReplyDeleteखुश तुझे रहना हैं और मुस्कुराना भी तुझे ही हैं
ReplyDeleteजब सब कुछ हैं तेरे अन्दर तो ढूंढता क्यों कहीं हैं
bilkul sahi kaha apne
mortivational poem
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