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जिंदगी के पन्ने

सब तेरी कृपा 🙏🏻

खुशियाँ हैं आपकी ही झोली में.......

****************************************** खुश रहने के बहाने अच्छे हैं जनाब बेवजह मुसकुराहट ही देकर जाते हैं सितम के बाद, दर्द ए सितम में वक्त जाया हो जिंदगी किसी की इतनी भी बेवजह तो नही अपनी जिंदगी के चित्रकार खुद ही हैं आप तस्वीर की शिद्दत रंगो से नजर आनी चाहिए वजह तलाशने का मौका खुदा ने आपको दिया है चाहत का जुनून फैसलों में नज़र आय, तो अच्छा है खुदा को अफसोस ना हो अपनी शिल्पकारी पर सोचो उसने तुझे कितनी शिद्दत से बनाया होगा खुदा की हर एक कृति निहायत खूबसूरत है कुछ रंग भर दिये, कुछ रंग सजाने है आपको जाना जब छोड़कर, तुम ये दुनिया साहिब वजूद तेरे होने का बस दरमियान ही रह जाय उपलब्धियां तेरे जीवन की तेरे चरित्र से ही नजर आय सब कुछ बयां हो जाये, इतनी हिम्मत कागजों में कहाँ *******************************************

Happy Fathers Day.....💞

***************************************** जिंदगी बिन आपके अधूरी है पापा आप हैं तो हर कमी पूरी है पापा अंदाज कुछ अलग है आपके प्यार का एहसास ए दरमियान आज भी जिन्दा है इस जहाँ की सारी खूबियां हैं मुझमे बस एक आप की नजर की जरूरत है थोडी सी सख्ती मगर दिल में है प्यार आपकी परवरिश में मुझे आज भी गुमान कैसा रिश्ता है हमारा एक पिता बेटी का दर्द एक का दूजे के दरमियान से गुजरता है हाँ मै परी हूँ अपने पापा के दिल की इस बेसुमार दौलत की हकदार हूँ मैं ***********"***************************

गुफ्तगू कुछ दिल की .......

****************************************** हर लमहा सजाने का शौक था मुझे जिंदगी खुद ब खुद सवरती गई                               पता ही ना चला अपनो के जज्बात कुछ अपने से लगते थे मुझे दिलो में उनके हुकूमत कब मेरी चलने लगी                                               पता ही ना चला हर लमहा  अपनो को देना मुनासिब लगता था मुझे रिश्ता कोई भी क्यों ना हो, हम दोस्त कब बन गये                                                             पता ही ना चला उलझनें जिंदगी की कुछ यूँ मुख्तसर की मैने खुशियों के पयाम कब मुखातिब हो चले                                             पता ही ना चला अपने कदमों की हिफाज़त कुछ यूँ की मैने जिंदगी मेरी कब यहाँ  मुनव्वर हो चली                                          पता ही ना चला

क्या है ये कविता

ऐ जिंदगी बोल....... फिर मै क्या करू......🙏🏻

       In the loving memory of my friend              Mrs. sudha Mishra🙏🏻🙏🏻 ********************************************* ऐ जिंदगी जब सब तेरे मुताबिक है तो जरा बोल , फिर मै क्या करू कब किससे मिला दे तू, कब किससे जुदा कर दे जब अगले पल की खबर नहीं तो बोल मै क्या करु बस नाच रहे हैं कठपुतली बनकर दुनिया की भीड़ में कब कौन से दिन दिखा दे तो बोल फिर मै क्या करू ये सब कर्मो के फैसले हैं या हम सब भाग्य से जुड़े हैं ना जाने कब किसकी हस्ती मिटा दे तो बोल मै क्या करू कभी दिल खोल के मेहरबान हो जाती हैं मुझ पर तू कभी एक पल में बर्बाद कर दे तो फिर मै क्या करू जी रही हूँ यह सोच कर सब तेरी कृपा है कभी सर से तू हाथ हटा दे तो मै क्या करू नहीं पता मुझे अगले पल का, ना तेरे फैसलों का लेकिन जब जिंदगी जी ना जाय तो मै क्या करू ऐ जिंदगी, मुझे हर पल बस तू एक खेल सी लगती है ना जाने कब किसका आशियाना मिटा दे तो मै क्या करु ये जिंदगी एक मिट्टी की इमारत है, नहीं मेरे सपनों की इबादत है किसी पल ढह के अगर चूर चूर हो जाय तो बोल फिर मै क्या करु ऐ खुदा थोड़ा रहम करना अपने बन्दो की पर

सिला वफ़ा का........

************************************** धरती और अम्बर भी साथ निभाते हैं ना मिलकर भी वफ़ा का गीत गाते हैं वनवास राम का था, साथ सीता ने निभाया साथ पिया का फिर तो सब कुछ रास आया कृष्ण साथ ना फिर भी समर्पण  राधा का काम आया साथ ना थे वो पर हर जुबां पर राधेकृष्ण ही नाम आया घनघोर तप गौरा का, शिव शंकर को पाया था ना जाने कितने दिन भूख प्यास से बिताया था लक्ष्मी का तेज कभी भी किसी दिशा में कम नहीं होता फिर भी उन्हें पति के चरणों में ही जन्नत का सुख होता जिसकी मिलने की खुशी सबको है सताती माँ लक्ष्मी परम पिता के चरणों में सुख पाती तप किसी का भी यहां निरर्थक नहीं जाता क्यों ना हो, रिश्ता रुह से है जब जुड़ जाता ये कैसी माया है प्रभु की, सबने वफ़ा को ही चाहा है मिली बस उसको ही,  जिसने शिद्दत से निभाया है *********************************************

जीवन क़र्जदार है माता पिता का......

****************************************** कितनी हसरत से पालते हैं माँ बाप बच्चे को जैसे जीवन की हर आरज़ू मुकम्मल हो गई हो एक औलाद क्या हुई, हासिल ए जन्नत हो जाती हैं उन्हें जैसे उनकी ख्वाहिशो को फिर से मुकद्दर मिल गया हो एक उम्र तक अपनी हर हसरत पूरी होने की आरज़ू होती थी आज जैसे जिंदगी को दुबारा शुरू करने की इजाज़त मिली हो कल तक जो नासमझ थे जिंदगी के पैमाने पे माँ बाप क्या बने जैसे समझदारी ही आ गई पड़ाव कोई भी हो उम्र का, बच्चे का गिरना हर वक्त सताता है बच्चे को सही मार्ग पर चलता देखकर ही उन्हें सुकून आता है माँ को तो अपने बच्चे में जैसे कोई कमी नज़र ही नहीं आती एक बड़ा काम क्या किया, पिता की छाती फूली नहीं समाती ये माँ बाप है ज़नाब जिंदगी हमारी क़र्जदार हैं इनकी चुकाना तो दूर रहा,एहसास हो जाय इतना ही बहुत है *******************************************

माँ .....Happy mothers day.....माँ की ममता पर कविता

***************************************** मुझे कुछ ना चाहिए , हां  मेरी माँ मेरे पास है तुझसे जुड़े हर पल मेरे लिए आज भी खास है वो मीठी झप्पी वो सुहानी लोरियां आज भी कितनी खास हैं कितने खुशनसीब हैं वो लोग जिनकी माँ हर वक्त उनके पास हैं मेरी ख्वाहिशो पूरी हो, अपनी तिजोरी खाली कर देती है ज़नाब आज भी मेरी झोली माँ खुशियों से भर देती है लाखो जिम्मेदारियां पर मै बच्ची  बन जाती हूँ माँ आज भी जब मै तुझे अपने साथ पाती हूं तेरे साथ बीते पल, तुझसे अलग होकर तड़पाते हैं मुझे तू हर वक्त साथ है, इस बात का एहसास दिलाते हैं मुझे माँ,  मुझसे कभी कुछ ना बोला तूने फिर भी मेरे एहसासों को टटोला तूने वक्त से पहले मेरी ज़रूरतें पूरी हुई हैं जब जिस घडी़ माँ तू मेरे साथ हुई हैं कितना खास है ये रिश्ता अब समझ में आया है जब अपनी गोद में मैने अपना बच्चा खिलाया है बिन मांगे आज भी मेरी हर मुराद पूरी होती हैं मुकम्मल क्यों ना हो,फरियाद जो तेरी होती हैं मुझे कुछ ना चाहिए , हां  मेरी माँ मेरे पास है तुझसे जुड़े हर पल मेरे लिए आज भी खास है ******************************************