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मुझे आज भी रातो को नींद अच्छी आती हैं🙏🏻.............




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नही पता कितना सही या गलत हूँ मैं
पर आज भी मुझे नींद अच्छी आती हैं

सूरत को सँवारा कि नहीं,ये चेहरा लोगों को भाया कि नहीं
पर सीरत में मेरी कोई दाग लगे, ये खुद को गँवारा ही नहीं

माना कि मंजिलें आज भी बुलाती हैं मेरे हुनर को
पर जो पल अपनों के साथ बीते,मै उन्हें खोना नहीं चाहती

नहीं पता मुझे क्या ओहदा हैं तेरा,  मुझे डर नहीं लगता
पर राह जब मुड़ती हैं सही रास्ते से,मै खुदा से डर जाती हूँ

छोटे छोटे पलो में खुश हो जाना,  शामिल हैं मेरी फ़ितरत में
एक ही बार तो मिली हैं ये जिंदगी, मै अकेला होना नहीं चाहती

एक एक पल में संजोया हैं जिदंगी को मैने साहब
चंद अफवाहों में बहकर, मै दुखी होना नहीं चाहती

कल पछताना पडे मुझे खुद के निर्णय पर 
आज मै इतनी मगरूर होना नहीं  चाहती

दौर कुछ ऐसा हैं आजकल कि शोहरत बुलाती हैं सभी को
पर मै अपना ईमान इस कदर,  सरेआम बेचना नहीं चाहती

मगरूर हैं दुनिया, दर्द दूजे के बाटने को तैयार ही नहीं
फिर तो मै अपनी खुशियाँ लोगों को देना नहीं चाहती

ऊँचे मुकाम का सौख तो रखती हूँ मैं
पर बस मै राह से भटकना नहीं चाहती

बड़ी शिद्दत से सजाया हैं मैने खुद को इतना वक्त देकर
ज़नाब मुझे आज भी रातो को नींद अच्छी आती हैं🙏🏻

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Comments

  1. Kash sab ki soch aaisi ho👌👍

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  2. bahut sahi.....lekin aas paas ke log aise hi hai jo ye samajhte hi nhi

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  3. Outstanding lines..dil se likhi gayi h..aur dil ko choone wali h

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  4. Ek ek stanja bahut hi gajab h...kafi achhi poetry h

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  5. Kuch kavitayen aise hoti h..jo dil man sab choo jati h..unme se ek h ye

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  6. Kya baat hai, aap itne ghari se soch kar kasi lekh lete hai,aap ki kavita dil ko cho gaye.

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  7. Jitne baar padho utne baar ye lines achhi lgti h..aisa lgta h roj ek bar padho

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  8. क्या बात क्या बात

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  9. Madam ap bahut sundar likhti h

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  10. Good evening mam,
    I like all your poems

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