Skip to main content

Posts

मुकाम बड़ा हो तो हौसलों में बुलंदी रखना, hosla status

****************************************** मेरा मुकाम बड़ा है फिर तो मेरी मुश्किलें भी बड़ी होंगी पर क्यों हारू हिम्मत, एक दिन मेरी हस्ती की बड़ी होंगी  वक्त से पहले हार जाऊंगा तो लोग नाकाम समझेंगे  ख़ामख़ा मेरी कोशिशें मुझसे ही नाराज हो जाएंगी  कितना वक्त दिया है अपनी हिम्मत को बुलंद करने में  एक पल में जाया हो, इतनी छोटी हसरत मैं नहीं रखता  मुझे मंजिल तक पहुंचना है फिर रास्तों की फिकर कैसी  अक्सर तूफान के बाद ही आसमान साफ होता है  मझधार तक आया हूं रास्तों से दिल नहीं बहलाना  अब तो यह कदम मंजिल पर ही ठहरेंगे   अब आराम भी वही होगा जहां ठिकाने होंगे  बीच समंदर में गोते लगाने का क्या फायदा  जब पंख फैला ही लिए हैं तो उड़ना भी जरूरी है  अब आसमान की ऊंचाई नापने का क्या फायदा *********************************************

ख़ुदा का करम.... Deep thoughts

Tajurba

मधुशाला

हुनर

चाँद था मेरे करीब....

 

जिंदगी यूँही ज़ाया ना कर........

************************************** ज़ाया न करो जिंदगी का एक भी दिन  क्या पता कब रात हो जाए  बेताबियां तेरी कुछ कर दिखाने की देखकर  क्या पता कब खुदा भी मेहरबान हो जाए  ज़ुनून हो तुझमें इस कदर कुछ पाने का  दरिया में भी तेरी क़श्ती सवार हो जाए  बना लो अपने हुनर को अपनी पहचान  क्या पता कब मंजिल नसीब हो जाए  आसमां भी चूमे तुम्हारे कदमों को  क्या पता कुछ ऐसा सयोंग हो जाए  ना गवाओ मौका जिंदगी के लुफ़्त लेने का  क्या पता कब मौसम बहार हो जाए  भर दो रंगों को इस कदर जिंदगी में  जिंदगी का हर पल गुलाल हो जाए  महका दो दामन खुशियों से सभी का  क्या पता जीवन अपना भी गुलफ़ाम हो जाए **************************************** https://youtu.be/LNzlVmjfFrI  इस कविता को मेरी आवाज में सुनने के लिए आप इस लिंक में जाएं क्योंकि कविता को सुनने का एक अलग ही आनंद होता है

होता है बहुत कुछ इन आँखों तले.......

************************************ मैंने देखा है बहुत कुछ इन आँखों  तले                      हां ये भी प्यार है साहब....  पिंजरे से पक्षी रुखसत करने पे मकान के इर्द-गिर्द घूमते देखा  है मालिक के जनाजे के बाद जानवर को खाने से मुंह घुमाते देखा है                                                           हां ये भी प्यार है साहब... प्यार में भटके इंसान को 'ये बस मेरी माँ कर सकती है' कहते देखा है गरीब की पत्नी को 'चिंता मत करो कुछ गहने है अभी' कहते देखा है                                                                                                              हां ये भी प्यार है साहब... मैंने परदेश  में इंसान को अपने गाँव के लिए तड़पते देखा है  हजारों के महफ़िल में एक पुराने दोस्त को याद करते देखा है                                                     हां ये भी प्यार है साहब... एक हिंदू के इंतक़ाल पे मुस्लिम भाई को कंधा देते देखा है  बीमार बच्चे के पिता को मज़ारो  में मन्नते मांगते  देखा है                                    

वक़्त की अहमियत.........

Lockdown जज़्बात