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मेहरबानियाँ

************************************ खुदा की हर चीज़ को सलीके से सजाना जो भी दिया है उसने गले से लगाना आज गम सही कल खुशियां भी देगा तबस्सुम से भरा तेरा  दामन भी देगा माना खुशी के बाद गम का भी आना होता है रहमतें खुदा की हों तो हर दौर सुहाना होता है गर्दिशें कितनी भी हों, टल ही जाती हैं मेहरबानी ख़ुदा की हो, बात बन ही जाती है सुख और दुःख तो आते जाते रहते हैं साफ नीयत हो तो लोग सज़दा करते हैं छल कपट से दूर रहना, रखना अंतर्मन का भाव मुश्किलें कितनी भी हों नहीं होगा कोई अलगाव चाह ले ख़ुदा तो तुझे हर मंजिल नसीब होगी दुनिया की हर ख़ुशी तेरे दामन के करीब होगी मकसद कोई तो होगा जो तुझे इस दर्द से नवाजा है इस अनजानी दुनिया में उसका कुछ तो इरादा है बस वक़्त से पहले तुम कभी न हारना ख़ुदा का तो काम ही हर दर्द से उबारना **********************************

रिश्तों की माला

*************************** जब टूटता है धागा तब पड़ती है गाँठ फिर कभी नहीं आती वो पहले सी बात फिर धागे में मोती को पिरोना सामान्य नहीं होता माला तो बनती है संभालना आसान नहीं होता शिद्दत मोती की न कम कमजोरी धागे की उसे तोड़ ही देता महज एकतरफा तमन्नाओं का होना बुनियाद नहीं होता गम माला के टूटने का पूरी महफ़िल मनाती है वक़्त गुजरता है और बात ओझल हो जाती है लाख कोशिशें भी नाकामयाब हो जाती हैं जब टूटता है माला बात सरेआम हो जाती है कशक कितनी भी हो, फिर वो शान नहीं आती पड़ जाये गाँठ तो रिश्ते में जान नहीं आती करो ऐसी शुरुआत कि हो नया आगाज़ न पड़ने दो फिर गाँठ तब सजेगा साज *****************************

जिंदगी सिर्फ एक फ़साना....

************************** जिंदगी सिर्फ एक फ़साना है जहाँ लोगों का आना जाना है। सुख और दुःख के मेले हैं फिर भी सब अकेले हैं। हर उम्र के अपने अफ़साने हैं वक़्त के साथ बदलते फ़साने हैं। कभी कुछ पाते हैं कभी खो भी देते हैं कभी आखों के चिलमन से रो भी देतें हैं। साज़िशों के पुलिंदे यहां कम नहीं होते दो कदम के साथ पे लोग अपने नहीं होते।  लोग यूँ ही मुस्करा देते हैं दिखाने के लिए अफ़साने भी बन जाते हैं रिझाने के लिए। जिंदगी हर मोड़ पर अच्छी नहीं होती हर दिखने वाली मुस्कराहट सच्ची नहीं होती। जिंदगी में ख्वाहिशें भी कहाँ पूरी होती हैं कितना भी मिल जाये जिंदगी अधूरी होती है। जिंदगी सिर्फ एक फ़साना है जहाँ लोगों का आना जाना है|

रिश्ते जब हो दिल से

***************************** चंद लम्हों के हक़दार हम आज भी हैं हाँ तेरे तलबगार हम आज भी हैं। वक़्त बीता है तेरे संग जिंदगी तो नहीं हाँ उन लम्हों के फिकरदार हम आज भी हैं। संग जो चलती रहें तेरी वफ़ाएं जानम हाँ उस कश्ती के सवार हम आज भी हैं। तुझमें है कैसी कशिश जो खींचे है मुझे हाँ उस हिफाज़त के करज़दार हम आज भी हैं। था तू मेरा प्यार अब जरुरत मेरी हाँ इस जरूरत के गुनहगार हम आज भी हैं। जिस घड़ी था तू मिला, था खुदा मेहरबान हाँ उस खुदा के करज़दार हम आज भी हैं। चंद लम्हों के हक़दार हम आज भी हैं हाँ तेरे तलबगार हम आज भी हैं। ******************************* 

माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है

****************************** माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है उतरी तो नहीं तेरे आयामों में मैं पर मेरे अंदर तेरी छवि ही बहुत है। माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है।                   कुछ तूने सिखाया कुछ सीख न पायी पर जितना पाया आज उतना ही बहुत है माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है। गुजरे हैं लम्हे सुख और दुःख दोनों के कैसे गिरी कैसी संभली हर एक पग में पर मेरे लिए तेरे अहसास ही बहुत हैं माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है। देती है तू हिम्मत मुझे बस एक बार जब सोच लेती हूँ तुझे तू है कहीं बस ये हिम्मत ही बहुत है माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है। क्या मानू तुझे मैं, है जीवन का आधार, है जीवन का आयाम, नहीं पता माँ, मेरे लिए तेरी ममता का आँचल ही बहुत है माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है। आज इतना गुजरा है वक़्त बिन तेरे पर हर लम्हे में, तू रही है संग मेरे पर बीते लम्हों में तेरा जीना ही बहुत है  माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है। देखे है दौलत के सुखी हर को