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माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है





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माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है
उतरी तो नहीं तेरे आयामों में मैं
पर मेरे अंदर तेरी छवि ही बहुत है।
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।
                 
कुछ तूने सिखाया कुछ सीख न पायी
पर जितना पाया आज उतना ही बहुत है
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।

गुजरे हैं लम्हे सुख और दुःख दोनों के
कैसे गिरी कैसी संभली हर एक पग में
पर मेरे लिए तेरे अहसास ही बहुत हैं
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।

देती है तू हिम्मत मुझे
बस एक बार जब सोच लेती हूँ तुझे
तू है कहीं बस ये हिम्मत ही बहुत है
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।

क्या मानू तुझे मैं,
है जीवन का आधार, है जीवन का आयाम,
नहीं पता माँ, मेरे लिए तेरी ममता का आँचल ही बहुत है
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।

आज इतना गुजरा है वक़्त बिन तेरे
पर हर लम्हे में, तू रही है संग मेरे
पर बीते लम्हों में तेरा जीना ही बहुत है 
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।

देखे है दौलत के सुखी हर कोने मे
पर दौलत जो माँ की हो
तो जीवन सफल है
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।

जब खुद को पाया तेरी जगह में
जब जीने लगी तेरे अहसासों में
तब जाना है माँ
मेरे लिए तेरे बलिदान ही बहुत हैं
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।

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Comments

  1. अति सुन्दर भाव विभोर करने वाली कविता .....

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  2. कविता को पढ़ कर अपनी मां की पूरी तस्वीर सामने गई।बहुत सुंदर लिखा है माम्

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  3. Awesome lines mam.you did a wonderful job...keep it up.. waiting for your next poetry

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  4. जबरदस्त लेखन भावुक करती ये कविता वाह

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  5. माँ के बारे में लिखी हुई lines किसी को भी भावुक कर देगी

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  6. आपकी कविता में दम है

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  7. bahut gehrai hai is kavita me ya ye kahu jaise apni bhavnao ko apne is kavita k madhyam se utar dia h

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