******************************
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में मेरे लिए बहुत है
उतरी तो नहीं तेरे आयामों में मैं
पर मेरे अंदर तेरी छवि ही बहुत है।
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।
कुछ तूने सिखाया कुछ सीख न पायी
पर जितना पाया आज उतना ही बहुत है
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।
गुजरे हैं लम्हे सुख और दुःख दोनों के
कैसे गिरी कैसी संभली हर एक पग में
पर मेरे लिए तेरे अहसास ही बहुत हैं
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।
देती है तू हिम्मत मुझे
बस एक बार जब सोच लेती हूँ तुझे
तू है कहीं बस ये हिम्मत ही बहुत है
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।
क्या मानू तुझे मैं,
है जीवन का आधार, है जीवन का आयाम,
नहीं पता माँ, मेरे लिए तेरी ममता का आँचल ही बहुत है
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।
आज इतना गुजरा है वक़्त बिन तेरे
पर हर लम्हे में, तू रही है संग मेरे
पर बीते लम्हों में तेरा जीना ही बहुत है
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।
देखे है दौलत के सुखी हर कोने मे
पर दौलत जो माँ की हो
तो जीवन सफल है
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।
जब खुद को पाया तेरी जगह में
जब जीने लगी तेरे अहसासों में
तब जाना है माँ
मेरे लिए तेरे बलिदान ही बहुत हैं
माँ तेरा होना ही इस दुनिया में
मेरे लिए बहुत है।
*********************************
Nice poetry
ReplyDeleteThanks
Deleteअति सुन्दर भाव विभोर करने वाली कविता .....
ReplyDeleteBahut bahut dhanyavad
DeleteNice lines
ReplyDeleteThanks
Deleteकविता को पढ़ कर अपनी मां की पूरी तस्वीर सामने गई।बहुत सुंदर लिखा है माम्
ReplyDeleteSo nice
DeleteAwesome lines mam.you did a wonderful job...keep it up.. waiting for your next poetry
ReplyDeleteI feel good what you say about me
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteजबरदस्त लेखन भावुक करती ये कविता वाह
ReplyDeleteमाँ के बारे में लिखी हुई lines किसी को भी भावुक कर देगी
ReplyDeleteआपकी कविता में दम है
ReplyDeletePadh kr maa ki yad aa gai
ReplyDeleteRulayegi kya
ReplyDeleteBahut bahut sundar
ReplyDeleteSabd Hi nhi h....so nice
ReplyDeleteBahut hi sundar bhav
ReplyDeleteBahut sundar likhti h ap
ReplyDeleteWah..kya bat h
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteDil khush krne vali Kavita
ReplyDeleteDil khush krne vali Kavita
ReplyDeleteLajabab
ReplyDeletebahut gehrai hai is kavita me ya ye kahu jaise apni bhavnao ko apne is kavita k madhyam se utar dia h
ReplyDeleteati sundar
ReplyDeletereal feeling about mother
ReplyDelete