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हाँ आज भी वो सब कुछ याद हैं मुझे , हाँ आज भी
बस वक्त बीता हैं, जैसे कुछ आँखो तले बीता ही नहीं
भाई की डाट और मेरा लड़ जाना
बात कुछ भी हो पर मेरा जीत जाना
वो शरारतें और वो शैतानियां
वो मेरी जिद और तेरी नादानियां
वक्त शायद तब भी कम पड़ता था
पर बातों की शायद कमी नहीं थी
भाई बहन थे या दोस्त थे हम, समझ ही नहीं आया
एक दूजे की बात बिन कहे समझना, बस यही थे हम
दिन में एक बार तो खैर जम कर बात होनी थी
और ना हुई तो इस बात पर ही लडा़ई होनी थी
ना मोबाईल पास थे ना म्यूजिक सिस्टम साथ थे
काम खत्म क्या हुआ और बस हम फिर साथ थे
तेरी समझदारी और दुनिया को मैने समझना नहीं चाहा
भाई, दिन हो या रात हर मोड़ पर बस मैने तुझे पाया
तेरी हर बात पर मुझे भरोसा था
तेरे ज़रिये मैने दुनिया को जीता था
उम्र का एक पड़ाव मेरा तेरे संग बीता हैं
जिदंगी जीनी कैसे हैं, मैने तुझसे सीखा हैं
माना कि मुलाक़ाते आज-कल कभी कभी होती हैं
पर जब भी मिलते हैं एक अजीब सी खुशी होती हैं
तू फिकरमंद था कल मेरा और निहायत आज भी हैं
इस बात पे गुमान मुझे कल भी था और आज भी हैं
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👍
ReplyDeleteHeart touching poen
ReplyDeleteWonderful poem Dr Anshubhi Bahadur
ReplyDeletebeautiful....heart touching poetry
ReplyDeleteVery heart touching lines
ReplyDeleteHeart touching poem
ReplyDeleteAaj kal ke logon ko ye sukh kam hi milta h
ReplyDeletejarur madam. I will definatelty try
DeleteEk bahen ke upr bhi likhiye madam😊😊
ReplyDeleteMind blowing mam, aap ne to kavita ke madyam se mujhe flash back me pahuchaye diya. Thank, s mam.
ReplyDeleteसिर्फ ये पढ़ कर अपनी बहन ही याद आजाती है
ReplyDeleteBhai Bahen ka ati sundar vardan
ReplyDeleteSundar vardan
ReplyDeleteKya khoob likhti h ap
ReplyDeleteAti sundar
ReplyDeleteMind blowing mam
ReplyDeleteBahut khoob
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