मेरे बेटे के जन्मदिन के अवसर पर ये चंद पंक्तियाँ सिर्फ उसके नाम
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मेरी जिंदगी का नाज़ हो तुम
खुद पर किया हुआ अभिमान हो तुम
पाया जो तुम्हे कुछ बचा ही नही पाने को
हर मुराद हो गई पूरी जब तू हुआ आने को
जिन्दगी में कोई कमी अब टिकती ही नहीं
बिन तेरे तो अब मेरी सांसें चलती ही नहीं
रिश्ता माँ का औलाद से कुछ यूँ जुड़ा होता है
जख्म किसी का भी हो, दर्द दोनों को होता हैं
इस अनमोल रिश्ते का तो कोई मोल ही नहीं हैं
क्या मांगू मेरे बेटे, तेरा तो कोई जोड़ ही नहीं हैं
तेरी सलामती के मेरे लिए मायने बहुत हैं
बात तेरी खुशी की हो ऐ खुदा,बहाने बहुत हैं
लफ्जों में अपनी चाहत को बयां नहीं करना चाहती
तारीफ़ तेरे हुनर की मै सरेआम नहीं करना चाहती
बहाना तेरा और खुदा ने बरपा मुझे खुदाई से
बस अब तो डर लगता है तेरी जुदाई से
रवानगी मेरे जीवन की तेरे कन्धो से होकर गुजरेगी
होना न उदास, ये अन्तिम सांसें तुझको ही पुकारेगी
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Unbelievable lines...I salute to Ur poetry...
ReplyDeleteWah..Kya bat h...dil ko choo gai
ReplyDeleteBeautiful lines
ReplyDeleteSuperb lines ma'am.. 👌👌
ReplyDeleteVry beautiful lines as and always
ReplyDeletevery nice......its a true feeling of mother
ReplyDeleteVery nice line's
ReplyDeleteAti sundar
ReplyDeleteBahut hi sundar Kavita Hai
ReplyDeleteGajab..... Ati sundar
ReplyDeleteYe rista hi aisa h...nice poem
ReplyDeleteBahut Sundar
ReplyDeleteरिश्ता माँ का औलाद से कुछ यूँ जुड़ा होता है
ReplyDeleteजख्म किसी का भी हो, दर्द दोनों को होता हैं
har maa ki feeling yahi hoti h jise apne kavita ka rup dia hai
bahut hi sundar likha hai
ReplyDeleteunconditional love jo sayad kisi riste me ni hota hsai
ReplyDeletekya bat hai ....kitni bakhobi apne likhi ye poem....really like this
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