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देखो आयी बसंत



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देखो झूम झूम आयी बसंत
हर दिल में छायी है उमंग

खेत सरसों के लहरा रहे हैं
किसान ख़ुशी के गीत रहें हैं

मेहनत माली की भी रंग लायी है
देखो हर तरफ हरियाली छायी हैं

हर कली खिलने को बेताब है
हर दिल में जगी अब आस है

अब तो मौसम भी बहार आ गया
देखो हर दिल में खुमार छा गया

एक दिन को भी न गवाएंगे
मिलकर ख़ुशी के गीत गाएंगे

मौसम भी सौगात लेकर आया है
बसंत ने हर दिल को महकाया है

अब न मिटेगी ये आस
हम सब होंगे एक साथ

दिलों में प्रेम का दीपक जलायेंगे
हर दिन को हम बसंत बनाएंगे

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नसीहत. ........

********************************** कहीं दूर बैठा वो सब कुछ देखता हैं निगाहो से उसकी नहीं कुछ छिपता हैं कर लो शरारतें यहाँ पर गुनाह मत करना किसी दूजे के हक की फ़रियाद मत करना चाह ले खुदा तो मंजिल दूर नही लगती राजा से रंक बनने में भी देर नही लगती इंसाफ के तराजू में खुद को तौल कर देखना कभी अपनी हस्ती को भी टटोल कर देखना वज़न अपने किरदार में कुछ इस तरह लाओ  साँसें बंद हो जाय तुम्हारी,दिलों में तुम रह जाओ प्यार मोहब्बत हमदर्दी जब खुले दिल से बरसाओगे अपने अन्दर कभी ना मिटने वाली ताकत पाओगे कट जाएगा हर वक्त, तुझे हिम्मत भी मिलेगी तेरी अच्छाईयो की यहाँ तुझे कीमत भी मिलेगी कभी किसी चीज़ पर सवाल ना होगा बुरे वक्त में भी कोई मलाल ना होगा *********************************

चुपचाप सब हो जाता है.........