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चलो एक लम्हा आज फिर सवांर दो
ये जिंदगी है छोटी, इसे यूँ ही न गुज़ार दो
न वक़्त की कमी हो, न लम्हों का हिसाब हो
कोशिशें हो बस इतनी कि एक दूजे से प्यार हो
चलो ख्वाबों से उठाते हैं एक पल
इसका भी कुछ न कुछ तो होगा हल
इसे हकीकत से रूबरू करो दो
चलो एक लम्हा आज फिर सवांर दो
चलो कुछ पुराने दोस्त बुलाते हैं
बचपन की यादों को फिर से महकाते हैं
कुछ उनकी सुनो, कुछ अपनी भी कह दो
चलो एक लम्हा आज फिर सवांर दो
एक अरसा हुआ हैं मनमानी किए हुए
खुद से ही जैसे हैं बेईमानी किये हुए
अपनी असलियत से रूबरू हो जाने दो
चलो एक लम्हा आज फिर सवांर दो
कमी कुछ भी तो नहीं हैं जिंदगी में
सब कुछ तो बसा हैं बंदगी में
सच्चे दिल से किसी को याद तो कर लो
चलो एक लम्हा आज फिर सवांर दो
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Nice
ReplyDeletethanks sir
DeleteAchhi lines hai..
ReplyDeleteAur bahut achha meaning aur ek pyara msg hai sabke lie..gd job
ReplyDeleteVery beautiful lines ...
ReplyDeleteएक अरसा हुआ हैं मनमानी किए हुए
ReplyDeleteखुद से ही जैसे हैं बेईमानी किये हुए
अपनी असलियत से रूबरू हो जाने दो
चलो एक लम्हा आज फिर सवांर दो
Bahut sunder line
आपकी उक्त पंक्तियाँ- जिंदगी पर पड़ी,
ReplyDeleteवक़्त की बेड़ियों को तोड़ने का संदेश दे रही हैं-
बहुत सुंदर
"चलो एक लम्हा आज फिर संवार दो"
बहुत बहुत धन्यवाद
DeleteBeautiful lines mam
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeletebeautiful lines......
ReplyDeleteBahut bahut sundar
ReplyDeleteKya bat hai mam
ReplyDeleteBahut badiya likha h aapne
चलो एक लम्हा आज फिर सवांर दो
thanks
DeleteSundar
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteKya bat h
ReplyDeleteWah....bahut khoob
ReplyDeleteBahut badiya
ReplyDeleteBahut badiya
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