****************************************** मेरा मुकाम बड़ा है फिर तो मेरी मुश्किलें भी बड़ी होंगी पर क्यों हारू हिम्मत, एक दिन मेरी हस्ती की बड़ी होंगी वक्त से पहले हार जाऊंगा तो लोग नाकाम समझेंगे ख़ामख़ा मेरी कोशिशें मुझसे ही नाराज हो जाएंगी कितना वक्त दिया है अपनी हिम्मत को बुलंद करने में एक पल में जाया हो, इतनी छोटी हसरत मैं नहीं रखता मुझे मंजिल तक पहुंचना है फिर रास्तों की फिकर कैसी अक्सर तूफान के बाद ही आसमान साफ होता है मझधार तक आया हूं रास्तों से दिल नहीं बहलाना अब तो यह कदम मंजिल पर ही ठहरेंगे अब आराम भी वही होगा जहां ठिकाने होंगे बीच समंदर में गोते लगाने का क्या फायदा जब पंख फैला ही लिए हैं तो उड़ना भी जरूरी है अब आसमान की ऊंचाई नापने का क्या फायदा *********************************************